भागलपुर के एक स्कूल में मिड डे मील का भोजन करने से बच्चे बीमार हो गए. उत्कमित मध्य विद्यालय महदत्तपुर में मिड डे मील का विषाक्त खाना खाने से 150 से अधिक बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। भोजन कर बच्चे घर पहुंचे और उल्टी दस्त करना शुरू कर दिया।
नवगछिया प्रखंड के उत्कमित मध्य विद्यालय महदत्तपुर में मिड डे मील का विषाक्त खाना खाने से 150 से अधिक बच्चों की तबीयत बिगड़ गई। भोजन कर बच्चे घर पहुंचे और उल्टी, दस्त करना शुरू कर दिया। उनके पेट में ऐंठन थी और वे जी मचलाने की शिकायत भी करने लगे। अभिभावक बच्चों को लेकर एकाएक अनुमंडल अस्पताल में दाखिल हो गए। इससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। करीब ढाई दर्जन बच्चों को स्लाइन चढ़ाया जाने लगा। बाकी को ओआरएस घोल दिया गया। वहीं, देर रात तक सात बच्चों को स्लाइन चढ़ता रहा। बच्चों ने आरोप लगाया कि खाने में छिपकली पड़ी थी। हमने खाने से मना किया तो प्रधानाध्यापक चितरंजन प्रसाद सर ने डांट-डांटकर खाना खिला दिया। उसके बाद सबकी तबीयत बिगड़ी। अस्पताल में छात्रों ने बताया कि मध्याह्न भोजन में आज चावल, दाल और सब्जी बना था। आयुष की थाली में छिपकली दिखी तो हमने खाना खाने से मना कर दिया। फिर स्कूल के प्रधानाध्यापक चितरंजन प्रसाद सिंह सर ने सबको डांट लगाई और उस खाने को खाने के लिए मजबूर कर दिया। दोपहर के 01:30 बजे खाना खिलाया गया। हम लोग छुट्टी पर घर गए। घर में 04:00 बजे के आसपास उल्टी, दस्त और पेट दर्द होने लगा। बच्चों ने कहा कि हमारे घर वालों ने इसकी जानकारी अनुमंडल पदाधिकारी उत्तम कुमार को दी। अनुमंडल पदाधिकारी ने अनुमंडल अस्पताल से एंबुलेंस भेजवाया। कुछ अभिभावक निजी वाहनों से भी बच्चों को अस्पताल लेकर जाने लगे। इधर अस्पताल में बच्चों के इलाज की तैयारी कर ली गई थी। बच्चों के आते ही आधा दर्जन से अधिक चिकित्सकों के साथ डा. बरुण कुमार, डा. विनय कुमार, डा. बी दास उनका इलाज करने लगे। 30 से अधिक बच्चों को स्लाइन लगाया गया। शेष बच्चों की तबीयत उतनी नहीं बिगड़ी थी इसलिए उन्हें ओआरएस का घोल दिया गया। कुछ अभिभावक निजी नर्सिंग होम में बच्चों का इलाज करा रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि ढाई दर्जन के आसपास बच्चों की तबीयत सच में बिगड़ी थी। उसके बाद अधिकांश बच्चे घबराहट की वजह से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। शाम ढलते तक में सात बच्चों को छोड़ सभी बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। घटना की जानकारी पाकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा, अनुमंडल पदाधिकारी उत्तम कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दिलीप कुमार पहुंचे थे। भारी संख्या में पुलिस पदाधिकारी और बल भी मौजूद थे।
इन बच्चों की तबीयत ज्यादा बिगड़ी
दिलीप सिंह की पुत्री आरजू कुमारी, सिंकदर सिंह के पुत्र अजीत कुमार, बालेश्चर ठाकुर के पुत्र हिमांशु कुमार, पंकज कुमार के पुत्र सौरभ कुमार, अखिलेश कुमार के पुत्र आयुष कुमार, दिलीप कुमार के पुत्र अनुभव कुमार, विकास कुमार के पुत्र विशाल कुमार, बलवीर सिंह की पुत्री सरिता कुमारी व श्वेता कुमारी और पुत्र पियुष कुमार, त्रिवेणी सिंह के पुत्र आर्यन कुमार, आदित्य कुमार, आमोल मेहता की पुत्री साक्षी कुमारी, मनोज कुमार की पुत्री रोहणी कुमारी, प्रमोद कुमार की पुत्री सिमरन कुमारी, अखिलेश कुमार की पुत्री अंजलि कुमारी, वकील सिंह की पुत्री साक्षी कुमारी। कोट पांच बच्चों के बीमार होने की सूचना मिली थी। अस्पताल को अलर्ट कर दिया गया था। 100 से अधिक बच्चे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे हैं। सभी बच्चे खतरे से बाहर हैं। घटना के कारण का पता लगाया जा रहा है। दोषी पर कार्रवाई तय है।
बच्चों के खाने में छिपकली गिरी थी जिससे वे बीमार पड़े। प्रधानाध्यापक चितरंज प्रसाद सिंह की लापरवाही के कारण उनके साथ रसोइये को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह नियम है कि शिक्षकों को भोजन चखना चाहिए। – विजय आनंद, मध्याह्न भोजन योजना जिला कार्यक्रम प्रभारी