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गोपालपुर (नवगछिया)। नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र में गंगा और कोसी नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों से आ रहे जलप्रवाह के कारण इन दोनों प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। इससे तटवर्ती गांवों में बाढ़ की आशंका गहराने लगी है और लोगों की चिंता बढ़ गई है।

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बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय नवगछिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में गंगा नदी के जलस्तर में 26 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। मंगलवार की शाम को इस्माईलपुर-बिंद टोली के पास गंगा नदी का जलस्तर 26.65 मीटर मापा गया। हालांकि यह जलस्तर अभी चेतावनी के स्तर 30.60 मीटर से काफी नीचे है, लेकिन लगातार हो रही वृद्धि प्रशासन और स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। गंगा का खतरे का स्तर 31.60 मीटर तथा अधिकतम रिकॉर्ड जलस्तर 33.50 मीटर है। वहीं, इस क्षेत्र में गंगा का न्यूनतम सामान्य जलस्तर 24.50 मीटर माना जाता है।

इसी प्रकार कोसी नदी के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। मदरौनी स्थित जल मापन केंद्र पर कोसी नदी का जलस्तर मंगलवार की शाम को 26.11 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो कि पिछले 24 घंटे में 14 सेंटीमीटर की वृद्धि के बाद दर्ज किया गया है। कोसी नदी की इस गति ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है, क्योंकि यह नदी अपनी अनियंत्रित धारा और तेज बहाव के कारण अक्सर तटवर्ती इलाकों में भारी कटाव और बाढ़ का कारण बनती है।

गंगा और कोसी के जलस्तर में वृद्धि से गोपालपुर, इस्माईलपुर, नारायणपुर, रंगरा, खरीक, परबत्ता आदि क्षेत्रों के लोग अब सतर्क हो गए हैं। कई इलाकों में ग्रामीणों ने जलस्तर पर नजर रखना शुरू कर दिया है। बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा नदी किनारे विशेष निगरानी रखने की बात कही गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जलस्तर में और वृद्धि की संभावना को देखते हुए कटावरोधी कार्यों को तेज किया गया है

स्थानीय प्रशासन ने भी स्थिति पर नजर बनाए रखी है और संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग को अलर्ट मोड में रखा गया है तथा नावों की व्यवस्था, राहत शिविरों की तैयारी और खाद्य सामग्री का भंडारण शुरू कर दिया गया है।

बहरहाल, गंगा और कोसी की बढ़ती धार और जलस्तर की रफ्तार आने वाले दिनों में इस क्षेत्र के लिए चुनौती बन सकती है। लोगों से अपील की गई है कि वे नदी किनारे जाने से बचें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें।

 

 

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