नारायणपुर । सोमवार को कोशी नदी की उपधारा एक बार फिर मानव जीवन के लिए जानलेवा साबित हुई। पहले दिन में दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद देर शाम नगरपारा तीनगछिया क्षेत्र में एक बुजुर्ग व्यक्ति के डूबने की आशंका से पूरा इलाका भयभीत हो गया।

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार, नगरपारा गांव निवासी स्वर्गीय देबू सिंह के 90 वर्षीय पुत्र रामजी सिंह सोमवार की देर शाम अपने एक जोड़ी भैंस के साथ कोशी नदी की उपधारा को पार कर रहे थे। बताया जा रहा है कि वे अक्सर भैंस चराने के लिए उपधारा पार कर जाते थे और फिर शाम को वापस लौटते थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, वृद्ध रामजी सिंह नदी पार करते समय भैंस की पूंछ पकड़कर पानी में उतरे थे। इस प्रक्रिया को वे पहले भी कई बार दोहरा चुके थे, लेकिन इस बार स्थिति अलग रही। जब भैंस उपधारा पार कर किनारे पहुंची, तो लोग चौंक गए कि रामजी सिंह साथ नहीं हैं।

स्थानीय समाजसेवी मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि जैसे ही यह जानकारी ग्रामीणों को मिली, अफरातफरी मच गई। भैंस के अकेले लौटने की खबर वृद्ध के परिजनों तक पहुंची, जिसके बाद घर में कोहराम मच गया। परिवार वालों को अनहोनी की आशंका सताने लगी और वे तुरंत घटना स्थल की ओर भागे।

देर शाम से ही ग्रामीणों और परिजनों ने मिलकर नदी की उपधारा में वृद्ध की तलाश शुरू कर दी। टॉर्च और अन्य साधनों के सहारे पानी में लगातार खोजबीन जारी रही, लेकिन रात भर प्रयासों के बावजूद कोई सुराग नहीं मिल सका।

घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के गांवों से भी लोग मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य में सहयोग देने लगे। हालांकि अंधेरे और नदी के तेज बहाव के कारण रेस्क्यू कार्य में कठिनाइयाँ आईं।

बुजुर्ग रामजी सिंह गांव के एक शांत स्वभाव वाले और मेहनती व्यक्ति माने जाते हैं। उनके परिवार में गम का माहौल है और सभी उनकी सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं।

स्थानीय प्रशासन को भी घटना की सूचना दे दी गई है, लेकिन अब तक कोई सरकारी सहायता या गोताखोर नहीं पहुंचे हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द रेस्क्यू टीम भेजने की मांग की है ताकि वृद्ध की तलाश तेजी से हो सके।

उल्लेखनीय है कि कोशी नदी की उपधारा इन दिनों तेज बहाव और उफान पर है। पिछले कुछ दिनों में इसने कई जिंदगियों को निगल लिया है। रविवार और सोमवार को कोशी व गंगा क्षेत्र में डूबने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे लोग भयभीत हैं।

ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन को नदी पार करने वाले खतरनाक स्थानों पर चेतावनी बोर्ड लगाने चाहिए और आवश्यकतानुसार नाव या पुल जैसी वैकल्पिक व्यवस्था भी करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।

इस बीच, रामजी सिंह के सकुशल मिलने की उम्मीद में उनका परिवार और पूरा गांव मंगलवार सुबह फिर से तलाश में जुट गया है।

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