पटना की सत्र अदालत परिसर मंगलवार को उस वक्त सनसनी से भर गया, जब एक विचाराधीन कैदी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। यह घटना शहर के पीरबहोर थाना क्षेत्र स्थित कोर्ट परिसर की है, जहां कैदी ने शौचालय की खिड़की का शीशा तोड़कर पुलिस की आंखों में धूल झोंक दी और मौके से भाग निकला।
फरार हुए आरोपी की पहचान विकास कुमार के रूप में हुई है। विकास को एक लूटकांड में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के अनुसार, विकास के पास से हथियार भी बरामद हुए थे और उस पर पहले से लूट, चोरी और अवैध हथियार रखने जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसे मंगलवार को कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट में सुनवाई से ठीक पहले विकास ने पुलिस से शौचालय जाने की अनुमति मांगी। पुलिसकर्मी उसे शौचालय तक लेकर गए, लेकिन जैसे ही वह भीतर गया, उसने मौका देखकर खिड़की के शीशे को तोड़ा और तेजी से भाग निकला। जब तक पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते, तब तक वह फरार हो चुका था।
इस घटना के सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई और तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया। पुलिस ने आसपास के इलाकों में नाकाबंदी कर दी और छापेमारी शुरू कर दी।
पटना पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह घटना बेहद गंभीर है। एक विचाराधीन कैदी का इस तरह फरार हो जाना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है। मामले की जांच की जा रही है और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।”
फिलहाल पटना पुलिस की कई टीमें विकास कुमार की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य संवेदनशील स्थानों पर विशेष निगरानी की जा रही है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि विकास किस दिशा में भागा और उसे किसी की मदद मिली या नहीं।
इस घटना ने एक बार फिर जेल और कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि कैसे एक विचाराधीन कैदी पुलिस हिरासत में रहते हुए कोर्ट परिसर से इतनी आसानी से फरार हो गया? क्या पुलिसकर्मियों की लापरवाही इसके लिए जिम्मेदार है या फिर यह घटना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है?
स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर दहशत और नाराजगी देखी जा रही है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
पटना पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही विकास कुमार को फिर से गिरफ्तार कर लिया जाएगा और अगर इस मामले में कोई भी पुलिसकर्मी दोषी पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।
जैसे-जैसे यह मामला तूल पकड़ रहा है, अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पटना पुलिस अपने दामन पर लगे इस दाग को कितनी जल्दी और कितनी प्रभावी कार्रवाई से मिटा पाती है।
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