कोड़ा




गरीबी इंसान से कुछ भी करवा सकती है। मुंगेर जिले के पेसरा गांव के भोला कोड़ा की कहानी इसका जीता-जागता उदाहरण है। बचपन में पढ़ाई, खेल या भविष्य के सपने देखने की उम्र में भोला हाथ में बंदूक थामे जंगलों में भटक रहा था। मात्र 10 साल की उम्र में वह नक्सली संगठन से जुड़ गया और लगभग 12 वर्षों तक इस हिंसक रास्ते पर चलता रहा। लेकिन अब वह समाज की मुख्यधारा में लौट आया है।

भोला के पिता मनोज कोड़ा उर्फ बुधु कोड़ा मज़दूरी कर किसी तरह परिवार का पेट पालते हैं, जबकि मां घर के काम में व्यस्त रहती थीं। भोला की मां बताती हैं, “गांव में बहुत गरीबी थी। कोई पढ़ा-लिखा नहीं था। हमें ये भी नहीं पता था कि नक्सल क्या होता है।” इसी माहौल का फायदा उठाकर भोला के चाचा सुरेश कोड़ा ने उसे अपने साथ ले लिया और जंगलों में ले जाकर नक्सलियों से मिला दिया।
कोड़ा
लगभग दो साल तक भोला की कोई खबर नहीं थी। जब परिवार को पता चला कि वह नक्सली बन गया है, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसे 15 साल की उम्र में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई। वह सिर्फ स्थानीय आदिवासी भाषा जानता था, पढ़ना-लिखना नहीं आता था। धीरे-धीरे वह कई नक्सली ऑपरेशनों का हिस्सा बना।

मुंगेर पुलिस के अनुसार भोला कोड़ा पर कुल 8 बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल होने के आरोप हैं। इनमें 2021 में लखीसराय में सड़क निर्माण मजदूरों पर हमला, 2022 में कुरवा पहाड़ी पर सुरक्षा बलों पर गोलीबारी और 2025 में झारखंड के लुगु पहाड़ व बोकारो के जंगलों में मुठभेड़ जैसी घटनाएं शामिल हैं। उस पर दो लाख रुपये का इनाम भी घोषित था।

लेकिन वक्त के साथ भोला की सोच बदली। नक्सलियों की असामाजिक गतिविधियों से उसका मन उचाट हो गया। वह समझ गया कि यह रास्ता सिर्फ मौत और बर्बादी की ओर ले जाता है। अंततः 27 जुलाई 2025 को भोला ने बिहार एसटीएफ और मुंगेर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण के समय उसके पास से हथियार, नक्सली दस्तावेज, मोबाइल और अन्य सामान बरामद किए गए।

सरकार की पुनर्वास नीति के तहत भोला को 2.5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, हर महीने ₹10,000 की दर से 3 साल तक स्टाइपेंड और रोजगार प्रशिक्षण मिलेगा। उसके परिवार को पुलिस की ओर से सम्मानित भी किया गया।

अब भोला अपने माता-पिता के साथ गांव में रह रहा है। उसकी अब तक शादी भी नहीं हुई है। वह युवाओं से अपील करता है कि “नक्सलवाद से दूर रहें, नहीं तो जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।”

भोला कोड़ा की यह कहानी बताती है कि अगर सरकार, समाज और सुरक्षा एजेंसियां साथ मिलकर काम करें तो सबसे कट्टर उग्रवादी भी वापस लौट सकते हैं—विकास, शिक्षा और सम्मान की राह पर।

अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

भागलपुर में आत्मा योजना की समीक्षा बैठक सम्पन्न, उप विकास आयुक्त ने योजनाओं के क्रियान्वयन में गति लाने के दिए निर्देश

सहरसा में बड़ी साजिश नाकाम: कार्बाइन और कारतूस के साथ युवक गिरफ्तार, पुलिस की सतर्कता से टली बड़ी वारदात

हमारे न्यूज़ चैनल की शक्ति और विश्वसनीयता के साथ, हमें आपके साथ आगे बढ़ने का गर्व होगा। अगर आप अपने व्यवसाय की गरिमा बढ़ाना और एक बड़े निर्माण में भागीदार बनना चाहते हैं, तो हमारे न्यूज़ चैनल के स्पॉन्सरशिप अवसर आपके लिए उपयुक्त हैं।हमारे साथ सहयोग करके, आप अपने व्यवसाय के प्रतिष्ठा और बढ़ावा प्राप्त कर सकते हैं। हमारे विशेषज्ञ रिपोर्टर टीम नवीनतम और ताजगी की खबरों का प्रसारण करती है और हमारे दर्शकों की आंतरदृष्टि में बदलाव लाती है।


हमारी प्रमुखताओं में विश्वसनीयता, विविधता और भारतीय मान्यताओं के साथीकृत खबरें शामिल हैं। हमें गर्व होगा यदि आप हमारे साथ जुड़कर आपके व्यवसाय के विकास में मदद कर सकें।जल्दी से संपर्क करें और हमारे स्पॉन्सरशिप अवसर का लाभ उठाएं! एक प्रमुख न्यूज़ चैनल के रूप में, हम आपके साथ साझेदारी का इंतजार कर रहे हैं। संपर्क सूत्र 7903381260

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *