हर माता पिता को अपने बच्चों की टेंशन होती है और बच्चे जब तक अच्छी जगह सेटलमेंट ना हो तब तक माता पिता परेशान रहते हैं. इस दौरान अपने बच्चों को पढ़ाने लिखाने के माता पिता कुछ भी कर लेते और बच्चों की जरूरत पूरी करते हैं. ऐसे मे अगर पिता की बात करें तो अपने बच्चों के खुशी और ऊंची शिक्षा के लिए पिता दुनिया की हर मुसीबत का सामना करने को पहले तैयार रहते. ऐसा ही सच्ची कहानी पूर्णिया के इस पिता की हैं.जिन्होंने अपने सभी बच्चों को पढ़ाने के लिए पूर्णिया के बस स्टैंड पर दिन रात कुली का काम करते हैं. फिर पैसा इकट्ठा कर अपने बच्चों की पहली जरूरत पूरी करते हैं. ऐसे में अगर बच्चे अच्छा कर जाए तो पिता की आंखे नम हो जाती है.
आपने आज तक अलग-अलग छात्र और छात्राओं के अलग-अलग मेहनत का परिणाम देखा और सुना होगा लेकिन यहां पर एक पिता और उनके आर्थिक गरीबी और मजबूरी को झेलते हुए उनकी 14 वर्षीय बेटी जानकी कुमारी ने अपने पिता के सर को ऊंचा करने के लिए लोक संगीत के विद्या में सोहर गाकर संस्कृति मंत्रालय (CCRT Scholarship) भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के गुरु- शिष्य परंपरा के तहत उन्होंने छात्रवृत्ति का पुरस्कार जीता. वही यह छात्रवृत्ति बच्चों को अपनी कला साधने और बेहतर प्रदर्शन निखारने हेतु प्रतिवर्ष 12500 रुपए प्रदान किए जाएंगे. हालांकि हर दो साल पर इस राशि में वृद्धि भी की जायेगी.
वहीं कुली पिता के पुत्री जानकी कुमारी ने बातचीत करते हुए कहा कि वह अपने कुली पिता के मान मर्यादा को आजीवन बरकरार रखेगी.और पढ़ लिखकर अपने संगीत कला के क्षेत्र में ही दुनिया सजायेगी और उनका सपना भी एक अच्छे सिंगर बनने का है जिसके लिए वह अभी से ही पूरी तरह मेहनत शुरू कर दी है हालांकि अब उनके इस सपने को कब तक पूरा होगा इसके लिए प्रयास जारी रहेगा.
कुली पिता के पुत्री जानकी ने कहा उन्हें सिंगर बनने का सपना बचपन से ही है इसके लिए वो पिछले 3 साल से बिहार बाल भवन किलकारी मे जाकर संगीत कला को निशुल्क सीखती हैं. साथ ही किलकारी मे मौजूद सभी ट्रेनर के द्वारा संगीत विधा को सिखाया जाता है. वही इन बच्चों की मेहनत से सफलता पाने पर किलकारी के प्रबंधक मुकुल रवि भूषण ने भी जानकी को बधाईया दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना किये.
वही जानकारी देते हुए जानकी के पिता शैलेंद्र पासवान जो पेशे से पूर्णिया बस स्टैंड में कुली का काम करते हैं. उन्होंने बातचीत करते हुए कहा वह कुली का काम कर अपने सभी बच्चों को पढ़ाई के साथ अच्छा भरण पोषण करने का प्रयास करते हैं.हालांकि उन्होंने कहा कि उसकी आर्थिक और पारिवारिक हालत काफी कमजोर रहता है. फिर भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में कहीं नहीं चूकते.
वहीं जानकी की माता रेखा देवी पासवान ने बताया कि सरकार के द्वारा दिये गये इन सहायता राशि से बेटी को पढ़ाने मे मदद बहुत मिलेगा.इसके लिए सरकार को धन्यबाद दिया. वह उनकी माता रेखा देवी और पिता शैलेंद्र पासवान ने कहा आखिरी सांस और मरते दम तक अपने सभी बच्चों को पढ़ाते रहेंगे बच्चों को जब तक उसकी मंजिल ना मिल जाए तब तक वह हार नहीं मानेंगे.
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हर माता पिता को अपने बच्चों की टेंशन होती है और बच्चे जब तक अच्छी जगह सेटलमेंट ना हो तब तक माता पिता परेशान रहते हैं. इस दौरान अपने बच्चों को पढ़ाने लिखाने के माता पिता कुछ भी कर लेते और बच्चों की जरूरत पूरी करते हैं. ऐसे मे अगर पिता की बात करें तो अपने बच्चों के खुशी और ऊंची शिक्षा के लिए पिता दुनिया की हर मुसीबत का सामना करने को पहले तैयार रहते. ऐसा ही सच्ची कहानी पूर्णिया के इस पिता की हैं.जिन्होंने अपने सभी बच्चों को पढ़ाने के लिए पूर्णिया के बस स्टैंड पर दिन रात कुली का काम करते हैं. फिर पैसा इकट्ठा कर अपने बच्चों की पहली जरूरत पूरी करते हैं. ऐसे में अगर बच्चे अच्छा कर जाए तो पिता की आंखे नम हो जाती है.
आपने आज तक अलग-अलग छात्र और छात्राओं के अलग-अलग मेहनत का परिणाम देखा और सुना होगा लेकिन यहां पर एक पिता और उनके आर्थिक गरीबी और मजबूरी को झेलते हुए उनकी 14 वर्षीय बेटी जानकी कुमारी ने अपने पिता के सर को ऊंचा करने के लिए लोक संगीत के विद्या में सोहर गाकर संस्कृति मंत्रालय (CCRT Scholarship) भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के गुरु- शिष्य परंपरा के तहत उन्होंने छात्रवृत्ति का पुरस्कार जीता. वही यह छात्रवृत्ति बच्चों को अपनी कला साधने और बेहतर प्रदर्शन निखारने हेतु प्रतिवर्ष 12500 रुपए प्रदान किए जाएंगे. हालांकि हर दो साल पर इस राशि में वृद्धि भी की जायेगी.
वहीं कुली पिता के पुत्री जानकी कुमारी ने बातचीत करते हुए कहा कि वह अपने कुली पिता के मान मर्यादा को आजीवन बरकरार रखेगी.और पढ़ लिखकर अपने संगीत कला के क्षेत्र में ही दुनिया सजायेगी और उनका सपना भी एक अच्छे सिंगर बनने का है जिसके लिए वह अभी से ही पूरी तरह मेहनत शुरू कर दी है हालांकि अब उनके इस सपने को कब तक पूरा होगा इसके लिए प्रयास जारी रहेगा.
कुली पिता के पुत्री जानकी ने कहा उन्हें सिंगर बनने का सपना बचपन से ही है इसके लिए वो पिछले 3 साल से बिहार बाल भवन किलकारी मे जाकर संगीत कला को निशुल्क सीखती हैं. साथ ही किलकारी मे मौजूद सभी ट्रेनर के द्वारा संगीत विधा को सिखाया जाता है. वही इन बच्चों की मेहनत से सफलता पाने पर किलकारी के प्रबंधक मुकुल रवि भूषण ने भी जानकी को बधाईया दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना किये.
वही जानकारी देते हुए जानकी के पिता शैलेंद्र पासवान जो पेशे से पूर्णिया बस स्टैंड में कुली का काम करते हैं. उन्होंने बातचीत करते हुए कहा वह कुली का काम कर अपने सभी बच्चों को पढ़ाई के साथ अच्छा भरण पोषण करने का प्रयास करते हैं.हालांकि उन्होंने कहा कि उसकी आर्थिक और पारिवारिक हालत काफी कमजोर रहता है. फिर भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में कहीं नहीं चूकते.
वहीं जानकी की माता रेखा देवी पासवान ने बताया कि सरकार के द्वारा दिये गये इन सहायता राशि से बेटी को पढ़ाने मे मदद बहुत मिलेगा.इसके लिए सरकार को धन्यबाद दिया. वह उनकी माता रेखा देवी और पिता शैलेंद्र पासवान ने कहा आखिरी सांस और मरते दम तक अपने सभी बच्चों को पढ़ाते रहेंगे बच्चों को जब तक उसकी मंजिल ना मिल जाए तब तक वह हार नहीं मानेंगे.