कांवरियाकांवरिया
  1. श्रावणी मेला के छठे दिन अजगैबीनाथ धाम में एक अनूठी श्रद्धा और परिवारिक खुशी का मिलाजुला रूप देखने को मिला। नेपाल से आई महिला कांवरिया **सुनिता देवी** ने अपने पुत्र और पुत्री के डॉक्टर बनने की खुशी में **सवा किलोमीटर तक कांवरियों के रास्ते पर कारपेट बिछाया**, ताकि श्रद्धालुओं को कांवर यात्रा में सुविधा मिल सके।

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सरकारी नर्स के रूप में कार्यरत सुनिता देवी ने बताया कि उनके बेटे **डॉ. प्रशांत यादव** और बेटी **डॉ. सुष्मिता यादव** अमेरिका के हॉकिन्स जोन्स (Hawkins Jones) अस्पताल में डॉक्टर के पद पर कार्यरत हैं। दोनों की सफलता से भावविभोर होकर उन्होंने यह सेवा श्रावण मास में बाबा बैद्यनाथ के भक्तों के लिए समर्पित की है।

उन्होंने कहा, *“कांवर यात्रा एक आस्था और तपस्या का प्रतीक है। मेरे बच्चों ने जो मुकाम हासिल किया है, वह भगवान की कृपा है। इसी कृतज्ञता को व्यक्त करने के लिए मैंने कांवरियों की सेवा का संकल्प लिया।”*

सुनिता देवी द्वारा बिछाए गए कारपेट पर गुजरते कांवरियों ने इस पहल की सराहना की और उन्हें आशीर्वाद भी दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में कांवरिये और श्रद्धालु मौजूद रहे। उनकी यह भावना मेला क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई।

श्रद्धा, सेवा और पारिवारिक आनंद के इस अद्भुत संगम ने श्रावणी मेला की गरिमा को और भी विशेष बना दिया।

 

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