शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शनिवार को कहा कि उत्क्रमित विद्यालयों में 6200 लिपिकों के पद सृजित किये गए हैं। इन पदों पर शीघ्र बहाली की जाएगी। विभाग ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

‘शिक्षा की बात’ कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि अन्य सभी उत्क्रमित विद्यालयों में भी लिपिकों की नियुक्ति पर विचार हो रहा है। सरकार का लक्ष्य यह है कि इन विद्यालयों में कम से कम एक लिपिक की नियुक्ति की जाए। डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि विभाग की भविष्य की योजना तो यह है कि सभी मध्य व उच्च विद्यालयों में लिपिकों की नियुक्ति की जाए। ताकि प्रधानाध्यापक और शिक्षक सिर्फ अध्ययन-अध्यापन का कार्य ही करें। अन्य कार्यों के लिए एक लिपिक हो। गौरतलब हो कि सरकारी विद्यालयों में अर्से से लिपिकों की बहाली नहीं हुई है। इसके कारण शिक्षकों को ही अध्यापन के साथ-साथ लिपिक के कार्यों की दोहरी जिम्मेदारी भी निभानी पड़ रही है।

बीसीईसीई से लेखापालों की बहाली कराने का प्रस्ताव

राज्य में 6570 लेखापालों सह आईटी सहायक की नियुक्ति प्रक्रिया बदली जा रही है। अब नए सिरे से लेखापाल सह आईटी सहायक की बहाली होगी। पहले चयन का जिम्मा आउटसोर्सिंग एजेंसी को दिया गया था। शिकायत के बाद आउटसोर्सिंग एजेंसी को बदला जा रहा है।

पंचायती राज विभाग ने अब चयन की जिम्मेदारी बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा (बीसीईसीई) को देने का प्रस्ताव तैयार किया है। हालांकि नियुक्ति संविदा के आधार पर ही होगी। पंचायती राज विभाग की बिहार ग्राम स्वराज योजना सोसाइटी ने अभ्यर्थियों से आवेदन लिए थे। आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के चयन की जिम्मेदारी आउटसोर्सिंग एजेंसी की थी। शैक्षणिक योग्यता बी कॉम या एम कॉम या सीए इंटर वाले 73 हजार 952 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 9 जून थी।

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