बिहार में मानसून का असर अब भी पूरी तरह बना हुआ है। अक्टूबर के महीने में भी आसमान से आफत बरस रही है। मौसम विभाग, पटना ने राज्य के लगभग सभी जिलों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। विभाग ने 35 जिलों में येलो अलर्ट और 3 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि सारण और सिवान जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है।

राज्य के कई इलाकों में बीती रात से ही मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे आम जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है। सड़कों पर पानी भर गया है, निचले इलाकों में घरों में पानी घुस चुका है, और कई जगह बिजली की आपूर्ति सुरक्षा कारणों से बंद कर दी गई है।

सारण में मूसलाधार बारिश से हाहाकार

सारण जिले में बीती रात से ही लगातार तेज बारिश हो रही है। शहर की मुख्य सड़कों से लेकर गली-मोहल्लों तक पानी भर गया है। कई इलाकों में सड़कें तालाब में तब्दील हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, कई चारपहिया और दुपहिया वाहन जलजमाव में फंसे हुए हैं। बिजली विभाग ने एहतियात के तौर पर पूरे शहर की बिजली काट दी है ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी जा रही है। वहीं प्रशासन ने राहत एवं बचाव दल को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।

किन जिलों में जारी है अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, भोजपुर, बक्सर, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, पटना, नालंदा, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, सुपौल, शिवहर, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, भागलपुर, बांका, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा और नवादा में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं सिवान, सारण और गोपालगंज में रेड अलर्ट लगाया गया है, क्योंकि इन जिलों में अगले 24 घंटे में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी हवा

मौसम विभाग के मुताबिक, बारिश के साथ तेज हवा चलने की भी संभावना है। अनुमान है कि हवा की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक जा सकती है। साथ ही मेघ गर्जन और वज्रपात (बिजली गिरने) की भी आशंका जताई गई है।
विभाग ने लोगों को चेताया है कि वे खुले मैदानों, पेड़ों के नीचे या बिजली के पोल के पास खड़े न रहें, क्योंकि वज्रपात से जानमाल का खतरा बढ़ सकता है।

मौसम विभाग की एडवाइजरी

मौसम विभाग, पटना ने अलर्ट के साथ-साथ एडवाइजरी भी जारी की है। विभाग ने कहा है कि:

जलभराव या बाढ़ की स्थिति में लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लें।
खुले तारों और इलेक्ट्रिक पोल से दूर रहें।
खेतों या खुले मैदानों में काम करने से बचें।
बच्चों और बुजुर्गों को बारिश के दौरान घर से बाहर न जाने दें।
मौसम की ताजा जानकारी के लिए स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान दें।

यहां हुई सबसे ज्यादा बारिश

बीते 24 घंटे में गोपालगंज में सबसे अधिक 49.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा हतास में 43 मिलीमीटर, नवादा में 42.8 मिलीमीटर, सहरसा में 40 मिलीमीटर, अरवल में 36.8 मिलीमीटर, बांका में 36 मिलीमीटर, जमुई में 30.2 मिलीमीटर, गया में 28 मिलीमीटर और औरंगाबाद में 27.6 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
इन जिलों में बारिश की तीव्रता लगातार बनी हुई है और अगले 48 घंटों तक मौसम में कोई विशेष राहत की उम्मीद नहीं है।

क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य भाग में एक गहरा दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) बन गया है। यह सिस्टम धीरे-धीरे मजबूत होकर डिप्रेशन में तब्दील हो रहा है।
इससे उठने वाली नमी वाली दक्षिणी हवाएँ बिहार की ओर बढ़ रही हैं, जिसके कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार भारी बारिश हो रही है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि 5 अक्टूबर तक बारिश का दौर जारी रहेगा, जिसके बाद मौसम में थोड़ी सुधार की संभावना है।

प्रशासन सतर्क

भारी बारिश को देखते हुए राज्य सरकार और जिला प्रशासन अलर्ट पर हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को कुछ संवेदनशील जिलों में पहले से ही तैनात किया गया है।
पुलिस प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और घरों से तभी निकलें जब बहुत जरूरी हो।

निष्कर्ष:
बिहार में मानसून का यह अंतिम दौर राज्य के कई हिस्सों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। लगातार हो रही बारिश ने जहां किसानों को राहत दी है, वहीं शहरी इलाकों में जलजमाव, यातायात बाधित और बिजली कटौती जैसी समस्याएँ बढ़ा दी हैं। मौसम विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सख्त हिदायत दी है।

 

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