बिहार के बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब डाउन आम्रपाली एक्सप्रेस की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गई। सभी मृतक एक ही परिवार के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं, जो रघुनाथपुर से काली पूजा का मेला देखकर लौट रहे थे। इस हादसे ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया है।
थानाध्यक्ष सिंटू कुमार ने बताया कि यह दुर्घटना डाउन आम्रपाली एक्सप्रेस की चपेट में आने से हुई। उन्होंने कहा, *“मृतक एक ही परिवार के सदस्य थे और रघुनाथपुर से मेला देखकर लौट रहे थे। रेलवे ट्रैक के किनारे बना रास्ता रहूआ गांव के लोगों के लिए सामान्य मार्ग है, लेकिन इसकी सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी है।”* पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है।
घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया। ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे ट्रैक के दोनों ओर कोई सुरक्षा दीवार या चेतावनी बोर्ड नहीं है, जिसके कारण लोग अक्सर इसी रास्ते से गुजरते हैं। उन्होंने रेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार ऐसी घटनाएं होने के बावजूद सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते।
सीपीएम नेता अंजनी कुमार सिंह ने इस दुर्घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और रेल प्रशासन से मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा, “यह घटना अत्यंत दुखद है। रेल प्रशासन को मृतकों के आश्रितों को मुआवजा देना चाहिए। आज रेल की पटरियां सुरक्षित नहीं हैं, इस पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।”
स्थानीय लोगों ने भी सरकार और रेलवे मंत्रालय से अपील की है कि ट्रैक किनारे बसे इलाकों में सुरक्षा दीवार बनाई जाए और पैदल चलने वालों के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दर्दनाक घटनाओं से बचा जा सके।
फिलहाल पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं गांव के लोगों ने मृतकों की आत्मा की शांति और परिवार को इस दुख की घड़ी में साहस देने की प्रार्थना की है।
यह हादसा न सिर्फ एक परिवार बल्कि पूरे इलाके के लिए चेतावनी है — रेलवे ट्रैक के आसपास की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अब ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
