पटना, 6 अक्टूबर:
बिहार की राजधानी पटना आज अपनी विकास यात्रा के नए अध्याय की शुरुआत कर रही है। वर्षों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार वह ऐतिहासिक क्षण आ ही गया, जब पटना मेट्रो रेल सेवा का शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पाटलिपुत्र आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन से इस महत्वाकांक्षी परियोजना का औपचारिक उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने पहली मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिससे राजधानी के परिवहन इतिहास में एक नया अध्याय दर्ज हो गया।
इस मौके पर नगर विकास मंत्री जीवेश कुमार, उपमुख्यमंत्री, और कई वरिष्ठ अधिकारी, जनप्रतिनिधि और आम नागरिक मौजूद रहे। पूरे समारोह स्थल पर उत्साह और जश्न का माहौल था। जैसे ही मुख्यमंत्री ने ट्रेन को रवाना किया, वहां मौजूद सैकड़ों लोगों ने तालियों और जयकारों से स्वागत किया।
तीन स्टेशन पर शुरू हुई मेट्रो सेवा
पटना मेट्रो के पहले चरण में यात्रियों के लिए तीन प्रमुख स्टेशन —
पाटलिपुत्र आईएसबीटी, जीरो माइल, और भूतनाथ रोड पर सेवा शुरू की गई है।
यह खंड राजधानी का पहला परिचालन रूट होगा, जो शहर के पूर्वी हिस्सों को आपस में जोड़ेगा।
शुरुआती चरण में मेट्रो का किराया भी बहुत ही किफायती रखा गया है —
पाटलिपुत्र आईएसबीटी से जीरो माइल तक ₹15,
भूतनाथ रोड तक ₹30।
फिलहाल मेट्रो सीमित समय के लिए संचालित होगी और यात्रियों की मांग के अनुसार धीरे-धीरे इसकी फ्रीक्वेंसी और परिचालन समय बढ़ाया जाएगा।
बिहार की संस्कृति से सजी मेट्रो बोगियां
पटना मेट्रो केवल एक यातायात परियोजना नहीं, बल्कि बिहार की कला और संस्कृति का जीवंत प्रतीक भी है।
मेट्रो के कोचों पर गोलघर, महावीर मंदिर, भगवान महावीर की छवियां और मधुबनी पेंटिंग की कलात्मक झलकियां उकेरी गई हैं, जो स्थानीय विरासत की पहचान को दर्शाती हैं।
तीन कोच वाली इस मेट्रो ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
हर कोच में करीब 300 यात्रियों के बैठने और खड़े होने की व्यवस्था है, यानी एक बार में लगभग 900 यात्री यात्रा कर सकेंगे।
इन बोगियों में एयर कंडीशनिंग, डिजिटल डिस्प्ले, और आरामदायक सीटों की सुविधा दी गई है ताकि यात्रियों को विश्वस्तरीय यात्रा अनुभव मिल सके।
कॉरिडोर-1: भूमिगत टनल और छह स्टेशन का नेटवर्क
पटना मेट्रो परियोजना का कॉरिडोर-1 सबसे अहम लाइन है, जो पटना जंक्शन से रुकनपुरा और मीठापुर तक फैली होगी।
इसकी कुल लंबाई 9.35 किलोमीटर है और इसमें छह भूमिगत स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
परियोजना की कुल लागत ₹2565.80 करोड़ निर्धारित की गई है।
निर्माण एजेंसी के साथ करार हो चुका है और यह कार्य 42 माह (साढ़े तीन साल) में पूरा होना है।
कॉरिडोर को दो हिस्सों में बांटा गया है:
1️⃣ पहला भाग — रुकनपुरा, राजा बाजार और चिड़ियाघर स्टेशन।
इस हिस्से में रुकनपुरा रैंप से विकास भवन तक टनल बनाई जा रही है, जिस पर ₹1147.50 करोड़ की लागत आएगी।
2️⃣दूसरा भाग — विकास भवन, विद्युत भवन और पटना जंक्शन स्टेशन।
इस हिस्से में विकास भवन से मीठापुर रैंप तक टनल का निर्माण होगा, जिसकी लागत ₹1418.30 करोड़ होगी।
दोनों खंडों के पूरा होने के बाद राजधानी के प्रमुख इलाकों — कंकड़बाग, राजा बाजार, और जंक्शन क्षेत्र को तेज, सुविधाजनक और प्रदूषणमुक्त यात्रा सुविधा मिलेगी।
यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं
पटना मेट्रो को आधुनिक तकनीक से पूरी तरह लैस किया गया है। हर स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है —
एस्केलेटर और लिफ्ट की व्यवस्था
स्मार्ट टिकटिंग मशीन और डिजिटल कार्ड सिस्टम
सीसीटीवी कैमरा नेटवर्क
पैनिक बटन, इंटरकॉम और आपातकालीन अलार्म सिस्टम
दिव्यांग यात्रियों के लिए रैम्प और गाइड लाइन मार्किंग
यात्रियों को टिकट बुकिंग के लिए मोबाइल ऐप और स्मार्ट कार्ड की सुविधा भी मिलेगी, जिससे बिना कतार लगे यात्रा की जा सकेगी।
यातायात में आएगा क्रांतिकारी बदलाव
पटना मेट्रो के संचालन से राजधानी की यातायात व्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव आने की उम्मीद है।
अभी तक पाटलिपुत्र, कंकड़बाग और भूतनाथ जैसे इलाकों में ट्रैफिक जाम से लोग रोज़ परेशान रहते थे। मेट्रो सेवा शुरू होने से सड़क पर वाहनों का दबाव घटेगा और लोगों के समय की बचत होगी।
नगर विकास विभाग के अनुसार, मेट्रो शुरू होने से सड़क यातायात 30% तक कम होगा, जिससे प्रदूषण में भी उल्लेखनीय कमी आएगी।
इसके साथ ही राजधानी के लोगों को सुरक्षित, तेज़ और किफायती सार्वजनिक परिवहन का नया विकल्प मिलेगा।
विकास की नई दिशा की ओर कदम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा —
> “पटना मेट्रो बिहार के विकास का प्रतीक है। यह सिर्फ एक परिवहन परियोजना नहीं, बल्कि राजधानी की बढ़ती जनसंख्या और आवश्यकताओं का समाधान है। आने वाले समय में मेट्रो नेटवर्क को शहर के सभी प्रमुख इलाकों तक विस्तार दिया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना से न केवल यातायात में सुधार होगा बल्कि रोज़गार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
निष्कर्ष
पटना मेट्रो का उद्घाटन सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि राजधानी के विकास और आधुनिकता की दिशा में मील का पत्थर है।
अब पटना उन गिनी-चुनी भारतीय शहरों की सूची में शामिल हो गया है, जहां मेट्रो सेवा आम जनता की यात्रा को सुगम बना रही है।
यह मेट्रो सिर्फ ट्रैक पर चलने वाली ट्रेन नहीं, बल्कि बिहार के आत्मनिर्भर और प्रगतिशील भविष्य की ओर बढ़ता हुआ कदम है।
