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अहमदाबाद में गुरुवार को हुई भीषण विमान दुर्घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद क्रैश हो गई, जिसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत कुल 265 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया है, लेकिन अब इस पर कई गंभीर सवाल उठने लगे हैं।

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इन सवालों की वजह बना है एक सोशल मीडिया पोस्ट, जिसे पटना के रहने वाले एक युवक ने हादसे से दो दिन पहले किया था। इस युवक ने स्पष्ट रूप से लिखा था, *”एक-दो दिन में कुछ बड़ा हादसा होने वाला है, जैसे कोई प्लेन हादसा, किसी राजनेता की हृदय विदारक मौत।”* अब जब दो दिन बाद अहमदाबाद में विमान हादसा होता है और उसमें एक बड़े राजनेता की मौत होती है, तो संदेह गहराना स्वाभाविक है।

ईटीवी भारत की रिपोर्ट के अनुसार, इस युवक ने हादसे से पहले जो पोस्ट किया था, वह अब डिलीट कर दिया गया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर मौजूद एक अन्य यूज़र ने उसका स्क्रीनशॉट सेव कर लिया और उसे टैग करते हुए **NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी)** और **गृह मंत्रालय (HMO India)** को जांच की मांग के साथ ट्वीट किया है।

**क्या यह सिर्फ इत्तेफाक है या कोई गहरी साजिश?**
यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि उस युवक की जानकारी किसी आंतरिक या गुप्त स्रोत पर आधारित हो सकती है। क्या उसे पहले से हादसे की जानकारी थी? क्या यह प्लेन हादसा महज एक तकनीकी खराबी का नतीजा था या फिर इसके पीछे कोई पूर्व नियोजित साजिश है?

पटना से जुड़े इस युवक की पहचान फिलहाल सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि उसके कई स्थानीय लोग सोशल मीडिया पर उसके फ्रेंड लिस्ट में शामिल हैं। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर पोस्ट को डिलीट भी कर दिया गया हो, तो भी डिजिटल फॉरेंसिक जांच के ज़रिए उसे रिकवर किया जा सकता है।

**बिहार पुलिस की भूमिका और बयान**
इस पूरे घटनाक्रम में बिहार पुलिस की भूमिका भी अब चर्चा में है। राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जो साइबर मामलों के विशेषज्ञ भी हैं, उन्होंने कहा, *”जब तक कोई FIR दर्ज नहीं होती या फिर NIA अथवा गृह मंत्रालय से कोई आधिकारिक निर्देश नहीं मिलता, तब तक राज्य पुलिस अपने स्तर पर जांच नहीं कर सकती। हालांकि साइबर सेल स्वप्रेरणा से जांच शुरू कर सकती है।”*

**हादसे की भयावहता**
हादसे के प्रत्यक्षदर्शियों ने जो दृश्य बयान किए, वह किसी भी इंसान को झकझोर देने के लिए काफी है। जब विमान गिरा, तब एक जोरदार धमाका हुआ और चारों ओर धुएं का घना गुबार फैल गया। घटनास्थल पर सिर्फ मलबा, जले हुए शव और अफरा-तफरी का माहौल था। हादसे के बाद तुरंत राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया। पीटीआई के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है और कुल 265 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।

मृतकों में मेडिकल कॉलेज के छात्र, स्टाफ, और विमान के क्रू सदस्य भी शामिल हैं। घायलों को अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

**निष्कर्ष और अगली कार्रवाई**
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या इस हादसे को लेकर केवल तकनीकी कारणों की बात होती है या फिर सोशल मीडिया पर सामने आए इस ‘भविष्यवाणी’ के आधार पर कोई गंभीर जांच शुरू होती है। अगर यह हादसा किसी गहरी साजिश का हिस्सा है, तो इसका खुलासा होना बेहद जरूरी है। साथ ही यह सवाल भी उठता है कि क्या हमारे सुरक्षा तंत्र इतने कमजोर हो गए हैं कि आम नागरिक तक को पहले से इसकी जानकारी हो जाए?

देश आज शोक में डूबा है, लेकिन साथ ही जवाब मांग रहा है — **क्या अहमदाबाद का प्लेन हादसा महज एक इत्तेफाक था, या फिर इसके पीछे छिपी है कोई सोची-समझी साजिश?**

 

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