आज दिन सोमवार से जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता शिक्षा विभाग के ऊपर जिला प्रशासन के द्वारा कार्यवाही नहीं करने के विरोध में 11 सूत्री मांगों को लेकर के अनिश्चितकालीन आमरण अनशन सोनवर्षा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी प्रांजल रंजन कुमार उर्फ दिलखुश पासवान के द्वारा शुरू किया गया है। अनशनकारी दिलखुश ने बताया कि मेरा मांग 11 सूत्री हैं पहला मांग यह हैं कि महिषी अंचल के मध्य विद्यालय धनोज धर्मपुर के प्रधानाध्यापक को डी पी ओ प्रकाश रंजन के द्वारा गबन के आरोप में निलंबीत किया गया लेकिन उसको डी ई ओ के द्वारा मोटी रकम लेकर के ज्वाइन करा दिया गया। जो घोर अन्याय को दर्शाता हैं। आखिर बिना जाँच के किस आधार पर उन्हें वापस ज्वाइन कराया गया।
दूसरा मांग अपूर्वा उच्च माध्यमिक विद्यालय बलवाहाट का मरम्मती कार्य विद्यालय स्तर से हो जाने के बाद पुनः वही कार्य का प्राक्कलन तैयार करके शिक्षा विभाग के कार्यपालक अभियंता के द्वारा संवेदक से मिलिभगत करके पैसा का निकासी कैसे कराया गया।
तीसरा मांग निविदा संख्या 4 जो 6 मार्च 2024 को निकाला गया लेकिन कई विद्यालय का कार्य 6 माह बीत जाने के बाद भी अब तक शुरू नहीं हुआ जबकि कार्यालय से आदेश मिलता है कि एक माह के अंदर कार्य को समाप्त कर देना हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
चौथा मांग प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्कूली छात्र-छात्राओं को शुद्ध पेयजल हेतु बिना निविदा प्रक्रिया को अपनाते हुए कार्यपालक अभियंता एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा मोटी रकम की वसूली करके सभी समर सेबल बोरिंग को बेच दिया गया जिसका जांच अब तक क्यों नहीं किया गया जबकि हर विद्यालय में बोरिंग का कार्य अधूरा पड़ा है। टेंडर प्रक्रिया अवैध हैं उसे रद्द किया जाए।
सबसे खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव 2024 के समय आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद भी कार्यपालक अभियंता एवं डी ई ओ किस आधार पर बिना विभागीय सूचना पट पर दिए,न ही टेलीग्राम ग्रुप में दिया न ही जिले के एन आई सी पोर्टल पर दिए बगैर गुप्त तरीके से निविदा किस आधार पर बेच रहे थे। उन सभी निविदाएं को रद्द किया जाए।
बिना निविदा प्रक्रिया को अपनाते हुए प्रधानाध्यापक के आवेदन के आलोक में अपर मुख्य सचिव का स्पष्ट निर्देश था कि विद्यालय स्तर पर प्रधानाध्यापक के माध्यम से 5 लाख तक की राशि का ही कार्य करवाया जा सकता है लेकिन कार्यपालक अभियंता के द्वारा 10% की अवैध वसूली करके अपने चहेते संवेदक को बंद कमरा में बुलाकर के बगैर निविदा जारी किए उसे 14 लाख से ऊपर का कार्य आदेश निर्गत किया गया जबकि ऐसा नियम कहीं भी नहीं है। उसे रद्द किया जाए।
मध्याहन भोजन उपलब्ध कराने वाले एजेंसी प्रधानाध्यापक की मिलीभगत से बच्चों के दैनिक उपस्थिति पंजी में अधिक से अधिक संख्या पोर्टल पर अपलोड करके लाखों रुपए महीने का गबन कर रहा है जिसकी जांच अब तक क्यों नहीं की गई। जांच करके दोषी के खिलाफ आश्वायक कारवाई की जाए।
बेंच डेक्स सप्लाई करने वाले एजेंसियों से मोटी रकम लेकर बिना गुणवत्ता का जांच किए बगैर सप्लाई ले लिया जाता है वह भी भुगतान पंजी पर अधिक संख्या लेकिन विद्यालय स्तर पर जांच के क्रम में कम संख्या पाया जाता है लेकिन उसके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई कार्रवाई विभागीय स्तर से नहीं होता है ऐसा क्यों।
विद्यालयों में बच्चों को उपलब्ध कराए गए किट की गुणवत्ता की जांच एवं थाली खरीद के नाम पर अवैध राशि की उगाही की जांच अब तक विद्यालय में जो विकास मद की राशि दी जाती है उसके खर्च का लेखा पंजी की जांच क्यों नहीं किया जाता। परिभ्रमण की राशि बच्चों को बिना परिभ्रमण कराए निकाल लिया जाता है लेकिन विभाग उदासीनता की वजह से बच्चे कहीं बाहर घूम नहीं पाते हैं, इसके जवाब देह कौन हैं।
प्रधानाध्यापक के आवेदन के आलोक में 5 लाख से ऊपर का जो भी कार्यादेश निर्गत किया गया कार्यपालक अभियंता उसे अभिलंब निरस्त करें।
आश्चर्य इस बात की है कि पूरे बिहार के 38 जिलों में किसी भी जिले में 8 माह में 19 निविदा नहीं निकाला गया लेकिन सहरसा जिला में 19 निविदा निकाला गया इसकी जांच अपर मुख्य सचिव शिक्षा विभाग बिहार पटना अपने देख रेख में कराए राज्य सरकार को इन घोटाले के पर्दाफाश में जितने भी राशि का गबन किया गया उसे वापस करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं इस घोटाले में संलिप्त कार्यपालक अभियंता को अविलंब निलंबित करते हुए विभागीय स्तर से कारवाई नहीं होगी तब तक हम अपने अनिश्चितकालीन आवरण अनशन को जारी रखेंगे ।
इस भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जंग की शुरुआत किए हैं।हम सभी पक्ष विपक्ष के लोगों सहित शहर के जनप्रतिनिधियों,समाजसेवी युवाओं से इस आंदोलन में साथ देने की अपील करते हैं ताकि हमारे जिले के विकास में बाधक बने इन अधिकारियों के खिलाफ मेरा आंदोलन चलता रहेगा। इस अनशन पर राजद के नगर निगम महासचिव रूपेश यादव,निरंजन कुमार,सूरज कुमार, आनंद कुमार,रोशन कुमार,पारस कुमार,शुभंकर यादव आदि युवाओं का समर्थन मिला।
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