झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शहरीकरण के कार्यों में तेजी लाने के क्रम में राजधानी रांची के तीनों प्रमुख बस टर्मिनलों को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आधुनिक और सुविधा युक्त रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राजधानी के परिवहन ढांचे में बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर नगर विकास एवं आवास मंत्री सुदिव्य कुमार ने इन तीनों बस स्टैंडों के लिए कुल 47.72 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
इसमें आईटीआई बस स्टैंड के लिए 24.77 करोड़ रुपये, सरकारी बस डिपो के लिए 20.19 करोड़ रुपये, और बिरसा मुंडा बस टर्मिनल (खादगढ़ा) के लिए 3.76 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
साथ ही नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार को इन योजनाओं की निर्माण प्रक्रिया तुरंत शुरू करने और जुडको (JUDCO) को टेंडर जारी करने का निर्देश दिया गया है।
तीनों बस अड्डों के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) दिल्ली की परामर्शी संस्था मॉस एन वायड द्वारा तैयार की गई है।
वर्तमान में बिरसा मुंडा बस टर्मिनल को छोड़कर बाकी दोनों—आईटीआई और सरकारी बस डिपो—की स्थिति काफी जर्जर है। सरकारी बस डिपो वर्ष 1962 से 1970 के बीच बना था और अब मरम्मत योग्य नहीं बचा है।
आईटीआई बस स्टैंड का नवीनीकरण
आईटीआई बस स्टैंड के आधुनिकीकरण का कार्य लगभग तीन एकड़ भूमि पर किया जाएगा। यहां यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है।
नए डिज़ाइन के अनुसार, ग्राउंड फ्लोर पर 2330 वर्गमीटर में टर्मिनल भवन और प्रथम तल पर 880 वर्गमीटर में निर्माण कार्य होगा।
बसों के रखरखाव के लिए 245 वर्गमीटर क्षेत्र में मेंटेनेंस शेड, 145 वर्गमीटर में ड्राइवर कैंटीन, गार्ड रूम, और दो स्लाइडिंग प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे।
बसों का संचालन सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक यानी कुल 16 घंटे किया जाएगा।
यहां प्रतिदिन लगभग 416 बसों के परिचालन की व्यवस्था होगी—जिसमें 208 बसें आगमन और 208 बसें प्रस्थान करेंगी।
यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय, ई-रिक्शा, ऑटो और कार पार्किंग, शौचालय, पेयजल, सीढ़ी और एलिवेटर, महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए विशेष सुविधाएं, और लैंडस्केपिंग के माध्यम से हरियाली का आकर्षक माहौल बनाया जाएगा।
प्रथम तल पर रेस्टोरेंट, टिकट काउंटर, प्रशासनिक कार्यालय, डॉर्मेट्री, और प्राइवेट गेस्ट रूम जैसी सुविधाएं होंगी।
सरकारी बस डिपो का कायाकल्प
सरकारी बस डिपो का निर्माण एकीकृत बिहार के दौरान ओवरब्रिज और रेलवे स्टेशन रोड के पास किया गया था। कभी यहां से आरा, पटना, रक्सौल, सिलीगुड़ी और जमशेदपुर के लिए बसें चलती थीं, लेकिन अब यह उपेक्षा का शिकार हो चुका है।
अब मुख्यमंत्री सोरेन ने इस डिपो को इंडियन रोड कांग्रेस (IRC) के मानकों के अनुसार पुनर्निर्मित करने का निर्देश दिया है।
नया ढांचा ग्राउंड फ्लोर पर 1771 वर्गमीटर और फर्स्ट फ्लोर पर 845 वर्गमीटर में बनाया जाएगा।
यहां गार्ड रूम, मेंटेनेंस एरिया, प्रतीक्षालय, गेस्ट हाउस, पुरुष एवं महिला शौचालय, और दो स्लाइडिंग प्रवेश द्वार बनेंगे।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी निगरानी, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।
प्रत्येक घंटे दो बसों के आगमन-प्रस्थान के अनुसार, यहां से कुल 512 बसों के दैनिक परिचालन की व्यवस्था होगी।
इसके अलावा 12 फूड कियोस्क, टिकट काउंटर, रेस्टोरेंट, तथा वाहनों की आवाजाही के लिए समर्पित मार्ग भी बनाए जाएंगे।
बिरसा मुंडा बस टर्मिनल खादगढ़ा का उन्नयन
बिरसा मुंडा बस टर्मिनल में मौजूदा ढांचे को सुरक्षित रखते हुए स्मार्ट सुविधाओं से लैस आधुनिकीकरण किया जाएगा।
इस पर 3.76 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
11.6 एकड़ भूमि में फैले इस टर्मिनल में 47155 वर्गमीटर क्षेत्र में यात्री प्रतीक्षालय, प्रशासनिक भवन, टिकट काउंटर, 31 बस वे, 89 बसों और 70 कारों की पार्किंग, और 6 हाईमास्ट लाइट लगाई जाएंगी।
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 50 बेड की डॉरमेट्री, स्नानागार, महिला-पुरुष शौचालय, और कर्मचारियों के ठहरने के लिए कमरे बनाए जाएंगे।
साथ ही लैंडस्केपिंग और सौंदर्यीकरण से टर्मिनल का दृश्य आकर्षक बनेगा।
सरकार की मंशा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि रांची को राज्य की राजधानी होने के नाते आधुनिक परिवहन और यात्री सुविधाओं का केंद्र बनाना सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि शहर का यातायात भी सुव्यवस्थित होगा और स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।
