नवादा, बिहार – नवादा जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र से एक नाबालिग लड़की के अपहरण का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह घटना उस समय प्रकाश में आई जब लड़की कोचिंग के लिए घर से निकली और देर शाम तक वापस नहीं लौटी। परिजनों ने जब खोजबीन शुरू की, तो उन्हें यह पता चला कि नाबालिग किसी अनजान लड़के के चंगुल में फंस गई है और उसे एक कमरे में बंधक बनाकर रखा गया है।
**कोचिंग के बहाने निकली थी लड़की**
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली नाबालिग लड़की रोज की तरह कोचिंग के लिए अपने घर से निकली थी। लेकिन जब वह देर शाम तक घर नहीं लौटी, तो परिजनों की चिंता बढ़ गई। पहले उन्होंने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों से संपर्क किया, लेकिन किसी को भी उसकी कोई जानकारी नहीं थी। परिजनों ने लड़की के दोस्तों और कोचिंग सेंटर में भी पूछताछ की, लेकिन वहां से भी कोई सुराग नहीं मिला।

### **बहन को फोन कर बताई आपबीती**
इसी बीच एक चौंकाने वाली घटना घटी। अपहृत नाबालिग ने किसी तरह अपनी बहन के मोबाइल पर फोन किया और अपनी आपबीती सुनाई। उसने बताया कि एक लड़का उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है और अब उसे एक कमरे में बंद कर रखा गया है। इतना ही नहीं, उसने बताया कि वह लड़का उसके साथ मारपीट भी करता है। लड़की की आवाज में डर और घबराहट साफ झलक रही थी। वह अधिक देर तक बात नहीं कर पाई और कुछ ही पलों में फोन कट गया।
### **पिता ने थाने में दी शिकायत**
जैसे ही यह जानकारी लड़की की बहन ने अपने पिता को दी, वह तुरंत मुफस्सिल थाना पहुंचे और पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने लिखित आवेदन देकर बेटी की सकुशल बरामदगी की गुहार लगाई। उन्होंने पुलिस से अनुरोध किया कि जल्द से जल्द उनकी बेटी को खोजकर सुरक्षित घर वापस लाया जाए।
### **पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू**
इस मामले को लेकर मुफस्सिल थाना के थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार ने जानकारी दी कि, “पीड़ित पिता ने लिखित आवेदन दिया है। आवेदन के आलोक में कांड दर्ज कर लिया गया है और पुलिस जांच में जुट गई है। जल्द ही मामला स्पष्ट हो जाएगा और लड़की को बरामद कर लिया जाएगा।”
### **बीते दिनों सामने आई थी सनसनीखेज हत्या की घटना**
नवादा जिले में इससे पहले भी अपहरण और हत्या का एक गंभीर मामला सामने आ चुका है, जिसने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था। कुछ ही दिन पहले नवादा से अपहृत एक युवती का शव कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक ट्रॉली बैग से बरामद किया गया था। यह शव बेंगलुरु के बाहरी इलाके चांदापुरा रेलवे स्टेशन के पास मिला था। नीले रंग के सूटकेस में बंद शव को देखकर पुलिस भी सन्न रह गई थी।
सूर्यनगर थाना की पुलिस ने शव की पहचान के लिए नवादा के हिसुआ थाना से संपर्क किया था, जहां से युवती की गुमशुदगी दर्ज थी। बाद में, युवती के परिजनों ने फोटो के आधार पर शव की पहचान की थी। इस घटना ने नवादा से लेकर बेंगलुरु तक की पुलिस को सतर्क कर दिया था और देश भर में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए थे।
### **महिलाओं की सुरक्षा पर उठे सवाल**
लगातार सामने आ रहे अपहरण और हत्या के मामलों ने नवादा जिले में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खासकर नाबालिग बच्चियों को लेकर परिजनों में दहशत का माहौल है। एक तरफ राज्य सरकार “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” जैसे अभियानों को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी तरफ लड़कियों की सुरक्षा को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
### **स्थानीय लोगों में आक्रोश**
इस घटना के बाद इलाके में भय और आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते पुलिस ने गुमशुदगी की खबर पर तेजी से कार्रवाई की होती, तो लड़की को अपहरणकर्ता के चंगुल से जल्द निकाला जा सकता था। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई हो और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
### **परिजनों की अपील: बेटी को सकुशल वापस लाएं**
लड़की के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। उनका कहना है कि उन्हें अब सिर्फ अपनी बेटी की सकुशल वापसी की उम्मीद है। पिता ने भावुक होकर कहा, “मेरी बेटी मासूम है। उसे बहला-फुसलाकर ले जाया गया है। मैं सरकार और प्रशासन से हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं कि मेरी बेटी को सही-सलामत वापस लाया जाए।”
### **पुलिस पर बना दबाव**
इस घटना के बाद पुलिस पर भी दबाव बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन और वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की निगरानी शुरू कर दी है। यह देखना अब बाकी है कि पुलिस कितनी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ इस मामले को सुलझाती है और नाबालिग को सुरक्षित वापस लाती है।
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**निष्कर्ष:**
नवादा जिले में एक बार फिर से नाबालिग लड़की के अपहरण की घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक बहुत बड़ा खतरा बन सकती है। जरूरत है समय पर कार्रवाई और जिम्मेदार जांच की, ताकि मासूम बच्चियों को इस तरह की घटनाओं से बचाया जा सके।
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