सहरसा जिले के सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रामपुर पुल के पास हुए सनसनीखेज गोलीकांड के मामले में पुलिस ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए महज छह घंटे के भीतर तीन कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में भय और दहशत का माहौल बन गया था, लेकिन पुलिस की तत्परता ने अपराधियों को ज्यादा देर तक छिपे रहने का मौका नहीं दिया।
गिरफ्तार किए गए अपराधियों में अजीत कुमार, रंजन कुमार और लक्ष्मण कुमार शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से एक देसी कट्टा, दो जिंदा कारतूस और पीड़ित से लूटा गया मोबाइल फोन बरामद किया है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई थी, जिसने त्वरित छापेमारी अभियान चलाकर शिवपुरी क्षेत्र से इन अपराधियों को गिरफ्तार किया।

**पूछताछ में खुलासा: कई मामलों में संलिप्तता स्वीकारी**
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार अपराधियों ने रामपुर पुल गोलीकांड की घटना को अंजाम देने की बात स्वीकार की है। साथ ही, उन्होंने जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में हुई अन्य आपराधिक घटनाओं में भी अपनी संलिप्तता कबूल की है। इनमें हत्या, लूट, रंगदारी वसूलने और अवैध हथियार रखने जैसे संगीन अपराध शामिल हैं। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक इन अपराधियों पर कुल मिलाकर 12 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं।
**पुलिस की तत्परता से अपराधियों तक पहुंच**
इस त्वरित कार्रवाई का श्रेय अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) आलोक कुमार के नेतृत्व में कार्यरत पुलिस टीम को जाता है। इस टीम में साइबर सेल प्रभारी अजीत कुमार और कई अन्य अनुभवी अधिकारी शामिल थे। टीम ने आधुनिक तकनीक, मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग और स्थानीय सूचना तंत्र की मदद से अपराधियों तक पहुंच बनाई और उन्हें शिवपुरी क्षेत्र से धर-दबोचा।
एसडीपीओ आलोक कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक के आदेश पर एक विशेष रणनीति बनाई गई थी। इसके तहत संदिग्धों की पहचान, घटनास्थल का निरीक्षण, पीड़ित के बयान और सीसीटीवी फुटेज की मदद से अपराधियों की लोकेशन ट्रेस की गई।
**हथियारों की बरामदगी और आगे की कार्रवाई**
गिरफ्तार अपराधियों के पास से बरामद देसी कट्टा और जिंदा कारतूस को लेकर पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत अलग से मामला दर्ज किया है। बरामद हथियारों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनका उपयोग पहले की किसी घटना में हुआ है या नहीं। साथ ही, लूटा गया मोबाइल फोन पीड़ित को सौंप दिया गया है।
पुलिस का कहना है कि अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद अब उनसे जुड़े अन्य नेटवर्क और सहयोगियों की भी तलाश की जा रही है। इनसे पूछताछ के आधार पर अन्य संभावित ठिकानों पर भी छापेमारी की जाएगी। पुलिस को उम्मीद है कि इन गिरफ्तारियों से इलाके में अपराध के नेटवर्क को कमजोर करने में मदद मिलेगी।
**स्थानीय लोगों में राहत, पुलिस की सराहना**
इस त्वरित कार्रवाई से इलाके के लोगों में राहत की भावना देखी जा रही है। रामपुर पुल इलाके में हुई गोलीबारी की घटना ने आम जनजीवन को झकझोर दिया था, लेकिन पुलिस की तेज कार्रवाई ने लोगों में भरोसा कायम किया है। कई स्थानीय लोगों ने पुलिस की तत्परता की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे ही ठोस कदमों से अपराधियों में भय और जनता में विश्वास पैदा किया जा सकता है।
**निष्कर्ष:**
सहरसा पुलिस की यह कार्रवाई न केवल सराहनीय है, बल्कि यह एक मजबूत संदेश भी देती है कि कानून व्यवस्था को चुनौती देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अब इस घटना की गहराई से जांच कर रही है, और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इन अपराधियों के नेटवर्क के अन्य सदस्यों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की सतर्कता और सक्रियता जरूरी है, और इस केस ने इसका बेहतरीन उदाहरण पेश किया है।
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