भारत में कोरोना महामारी से हालात सुधरने लगे हैं लेकिन पड़ोसी देश चीन में कोरोना का हाहाकार अभी तक थमा नहीं है। स्वास्थ्य सुविधाओं का डंका बजाने वाला चीन इस वक्त कोरोना की नई लहर से जूझ रहा है। चीन के सर्वाधिक आबादी वाले शहरों में एक शंघाई शहर में कोरोना से हालात बेकाबू हो रहे हैं। प्रशासन ने कोरोना लॉकडाउन घोषित किया है, जिसके बाद दो करोड़ 60 की आबादी घरों में कैद हो गई। शहर के सभी सुपर मार्केट भी बंद कर दिए गए हैं। जरूरी सामानों पर पाबंदी लगा दी गई है। जिसके बाद लोग खाने-पीने के लिए तरस रहे हैं।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, चीन के वित्तीय केंद्र शंघाई के लोग बुधवार के दिन खाने-पीने के सामान  के लिए संघर्ष करते दिखाई दिए। कोरोना लॉकडाउन के चलते दो करोड़ 60 लाख की आबादी अपने घरों में कैद हो गई है। कोरोना जांच के लिए शहर के सभी सुपर मार्केट्स को बंद कर दिया गया है और जरूरी सामानों पर पाबंदी लगा दी गई है।  

शंघाई शहर में हालांकि यह पहली बार नहीं है जब बढ़ते कोरोना केसों के कारण शहर पर पाबंदी लगाई गई हो लेकिन पिछले कुछ दिनों में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए हैं कि जब तक शहर भर से सभी नमूने नहीं लिए जाते, पाबंदियों को हटाने पर विचार नहीं किया जाएगा। 

बच्चों की कस्टडी घरवालों को मिली
हाल ही के दिनों में शंघाई शहर में कोरोना संक्रमित बच्चे को मां-बाप से अलग क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जा रहा था, यहां तक कि उस सेंटर की जानकारी भी मां-बाप को नहीं दी जा रही थी। लेकिन अभी प्रशासन ने इस मामले में थोड़ी ढील देते हुए बच्चों को मां-बाप के साथ रहने की परमिशन दे दी है। 

गौरतलब है कि शंघाई शहर में 5 अप्रेल को 16,766 नए कोरोना केस सामने आए थे। इससे पहले 4 अप्रैल को 13086 कोरोना के केस सामने आए थे। 

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