महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में एक दुकान ऐसी है, जहां चाय पीने के बाद लोग कप भी खा जाते हैं.  दरअसल, बुलढाणा जिले के खामगांव शहर में इस दुकान पर गुड़ की चाय मिलती है. इस दुकान के मालिक नीलेश दुर्गे का कहना है कि गुड़ की चाय पीने के बाद लोग कप भी खा सकते हैं.

महाराष्ट्र के बुलढाणा में चाय की एक ऐसी दुकान है, जहां ग्राहक चाय पीने के बाद कप भी खा जाते हैं. चौंक गए न, कि यह क्या माजरा है. शुरुआत में हर कोई चौंक जाता है जब वह एक चाय की दुकान पर मराठी भाषा में लिखा बोर्ड पढ़ता है. दुकान के बाहर लिखा था- ‘आधी चहा प्या, मग कप सुद्धा खाऊन घ्या’, यानी ‘पहले चाय पीजिए, फिर कप भी खा लीजिए.’ दरअसल, बुलढाणा में गुड़ की चाय की एक दुकान पर ऐसा देखने को मिलता है. ये कप आइसक्रीम के कोन जैसे पदार्थ से बने होते हैं.

दरअसल, महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के खामगांव शहर में नीलेश दुर्गे की चाय की दुकान है. दुकान का नाम है ‘होटल मनुसकी’ यानि होटल इंसानियत. फिलहाल यह होटल और उसकी चाय की चर्चा जिलेभर में हो रही है. इसका कारण यह है कि जिस कप में यहां लोग चाय पीते हैं, चाय पीने के बाद वह कप भी खा लेते हैं. खामगांव शहर में गुड़ की चाय बहुत जगह मिलती है. नीलेश भी गुड़ की चाय बेचते हैं. ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नीलेश ने एक जुगाड़ सोचा. इसी के चलते उसने कांच का, मिट्टी का या कागज के कप का उपयोग न कर आइसक्रीम के कोन जैसे पदार्थ से बने कप में चाय बेचनी शुरू की.

लोगों को पहले समझ नहीं आया, फिर नीलेश ने उन्हें बताया कि कप आप खा सकते हैं. नीलेश के आइडिया की चर्चा पूरे जिले में हो रही है. आने वाले तमाम लोग अपने बच्चों को भी अपने साथ लाते हैं. नीलेश दुर्गे चाय में स्वाद बढ़ाने के लिए इलायची का फ्लेवर भी डालते हैं. यहां एक कप चाय की कीमत 15 रुपये है.

तमाम ग्राहक नीलेश की दुकान पर चाय पीने के बाद कप खाते नजर आते हैं. ग्राहक भी इस इस आइडिया से प्रभावित होकर चाय की दुकान पर चाय पीने के बाद कप खाते हैं. एक महिला कस्टमर ने कहा कि यह अच्छा कांसेप्ट है, इससे पर्यावरण को भी फायदा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *