बिहार के पूर्णिया से बीजेपी विधायक राजकिशोर केसरी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रही रूपम पाठक को देश की सबसे बड़ी अदालत ने पखवाड़े भर की परोल दे दी है. सुप्रीम कोर्ट में रूपम पाठक ने अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए परोल पर रिहाई की अर्जी दाखिल की थी.

रूपम पाठक की ओर से वरिष्ठ वकील राजेश खन्ना ने कहा कि उन्होंने अपनी अर्जी सीबीआई के वकील को भी सौंप दी है. जिस पर सीबीआई की ओर से एएसजी राजू ने कहा कि उन्हें इस पर कोई आपत्ति नहीं है. रूपम पाठक को बेटी के विवाह यानी कन्यादान की विधि में शामिल होने की इजाजत दी जा सकती है.

इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि मिस्टर राजू! आपने पहली बार ऐसे मामलों में हामी भरी है. इस पर मुस्कुराते हुए राजू ने कहा कि सचमुच कैदी की बेटी की शादी है. हमने पता कर लिया है. इसके बाद कोर्ट ने परोल पर रिहाई का आदेश जारी कर दिया.

ये था पूरा मामला

4 जनवरी, 2011 को रूपम पाठक नाम की महिला ने पूर्णिया से बीजेपी के विधायक राजकिशोर केसरी के घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी थी. रूपम पाठक ने विधायक राजकिशोर के पेट में चाकू घोंप दिया था. दरअसल, दिवंगत विधायक केसरी पर एक लड़की का यौन शोषण करने का गंभीर आरोप था और पीड़ित लड़की रूपम पाठक की बेटी थी. इसी वजह से रूपम पाठक ने बेटी के उत्पीड़न का बदला लेने के लिए राजकिशोर केसरी की हत्या कर दी थी.

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सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता नीरज शेखर ने बताया कि पन्द्रह दिनों के बाद उन्हें फिर जेल भेज दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने पाठक की जमानत अर्जी पर सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। पाठक पिछले दस सालों से जेल में बंद हैं। उसे 4 जनवरी, 2011 को पटना की सीबीआई अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ दायर अपील पटना हाईकोर्ट के समक्ष अभी सुनवाई के लिए लंबित है।

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