बिहार के सरकारी विभागों में पिछले कुछ दिनों से या देखने को मिल रहा था कि उच्च पद पर पदस्थापित अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ अच्छे से पेश नहीं आ रहे हैं। उनका जो व्यवहार होना चाहिए वह व्यवहार नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में अब लगातार मिल रही शिकायतों के बाद बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि- अब यदि सीनियर अफसर अपने अंदर काम करने वाले जूनियर के साथ अच्छे से पेश नहीं आएंगे तो फिर उन पर जरूरी एक्शन लिया जाएगा।
दरअसल, बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के तरफ से उच्च पदस्थ पदाधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ सभ्य आचरण एवं मर्यादित व्यवहार करने के संबंध में पत्र जारी करते हुए कहा गया है कि – राज्य सरकार के सरकारी सेवकों के आचार विनियमित किये जाने के उद्देश्य से “बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली, 1976 (समय-समय पर यथा संशोधित) गठित है।
इस पत्र में कहा गया है कि नियमावली के नियम – 3 (1 ) द्वारा प्रत्येक सरकारी सेवकों के प्रसंग में यह स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि- पूरी शीलनिष्ठा रखेगा, कर्तव्य के प्रति निष्ठा रखेगा और हर सरकारी सेवक सदा ऐसा कोई काम न करेगा जो सरकारी सेवक के लिए अशोभनीय हो ।
परंतु सरकार के संज्ञान में ऐसी बातें आ रही हैं कि विभिन्न कार्यालयों में पदस्थापित उच्च पदाधिकारियों द्वारा अपने अधिनस्थ कर्मियों के साथ अमर्यादित व्यवहार करने, उनके प्रति प्रतिदिन असंसदीय भाषा का प्रयोग करने उन्हें अकारण मानसिक रूप से प्रताडित करने, बात-बात पर अनावश्यक एवं अकारण निलम्बन एवं विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ करने जैसी कार्रवाईयों की जा रही है। इससे अधीनस्थ पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के मनोबल एवं उनकी कार्य क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ना स्वाभाविक तो है ही साथ ही इसे राज्य के स्वस्थ लोक प्रशासन के अनुकूल भी नहीं माना जा सकता है।
अतः अनुरोध है कि अपने समस्त अधीनस्थ पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति सभ्य आचरण एवं मर्यादित व्यवहार किया जाना सुनिश्चित करते हुए अपने अधीनस्थों को भी ऐसा ही व्यवहार करने के लिए प्रेरित किया जाय ताकि प्रशासन में सद्भाव कायम रहे और बेहतर कार्य माहौल का निर्माण संभव हो सके।
आपको बताते चलें कि, पिछले दिनों ही एक मामला वैशाली से सामने आया था। जहां बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव के तरफ से स्कूल के निरीक्षण के दौरान शिक्षक के साथ और संसदीय भाषा का प्रयोग किया गया था।
इसके साथ ही कुछ दिनों पहले होमगार्ड के डीजी शोभा अहोतकर और सीनियर आईएएस ऑफिसर विकास वैभव का भी मामला काफी सुर्खियों में रहा था। इसके अलावा सरकार विभागों में कार्यरत कई ऐसे सीनियर अधिकारियों के तरफ से अपने जूनियर के साथ गलत तरीके से पेश होने का मामला सामने आया था। जिसके बाद अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि कोई भी सीनियर अधिकारी अपने साथ काम करने वाले जूनियर अधिकारियों से गलत लहजे में बात नहीं करेंगे वरना उन पर एक्शन लिया जाएगा।
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