आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और कुशलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा व्यापक तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में मतदान के दौरान एयर एंबुलेंस की तैनाती और दुर्गम क्षेत्रों में मतदानकर्मियों व सामग्री की एयर ड्रॉपिंग के लिए हेलीकॉप्टर सुविधा की व्यवस्था की जा रही है। मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने इस संबंध में संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और जुलाई तक सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
इस योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग को चुनाव के दौरान एयर एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी गई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य स्वास्थ्य समिति के माध्यम से सेवा प्रदाता कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे। एयर एंबुलेंस दो या तीन चरणों में होने वाले चुनाव के दौरान पूरी तरह तैनात रहेगी और यह सेवा मतदान के पूर्व से लेकर मतदान की समाप्ति तक उपलब्ध रहेगी। इस सुविधा का उद्देश्य बारूदी सुरंग या बम विस्फोट जैसी घटनाओं में घायल व्यक्तियों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है।
किसी भी अप्रत्याशित घटना या दुर्घटना की स्थिति में तत्काल जीवन रक्षक सहायता प्रदान करने के लिए यह व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। घायलों को शीघ्र अस्पताल पहुँचाने हेतु एयर एंबुलेंस का उपयोग किया जाएगा, जिससे संभावित जानहानियों को रोका जा सके।
दूसरी ओर, मंत्रिमंडल समन्वय विभाग को मतदानकर्मियों और मतदान सामग्रियों को सुदूरवर्ती और दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचाने हेतु हेलीकॉप्टर सेवा की व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके तहत एयर ड्रॉपिंग की जाएगी ताकि ऐसे क्षेत्रों में भी सुचारु रूप से चुनाव प्रक्रिया संचालित हो सके जहां सड़क या अन्य परिवहन माध्यमों से पहुँचना मुश्किल होता है।
इन सभी व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से लागू करने के लिए राज्य के सभी हवाई अड्डों और हेलीपैड स्थलों की मैपिंग कराई जाएगी। इन स्थलों के अक्षांश और देशांतर (Latitude और Longitude) भी दर्ज किए जाएंगे ताकि एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर की सटीक तैनाती सुनिश्चित की जा सके। इस मैपिंग से हवाई सेवाओं के संचालन में भी सुविधा होगी और किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।
राज्य सरकार की यह पहल न केवल चुनाव प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित बनाएगी, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित चिकित्सा सुविधा और प्रशासनिक पहुंच सुनिश्चित कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक मजबूत करेगी।