बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुंगेर के जमालपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने रोजगार और विकास को लेकर राज्य के युवाओं के लिए एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने पुराने वादे से भी आगे बढ़कर काम किया है।
नीतीश कुमार ने कहा—”हमने वादा किया था कि 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी और 10 लाख को रोजगार देंगे। लेकिन हमने उससे चार गुना ज्यादा, यानी 40 लाख युवाओं को रोजगार दिया है। इस तरह कुल 50 लाख लोगों को रोजगार और नौकरी मिल चुकी है।”
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अब उनका लक्ष्य और बड़ा है — आने वाले पांच सालों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का संकल्प लिया गया है। उन्होंने कहा, “पहले हमने 10-10 लाख का लक्ष्य रखा था, अब इसे बढ़ाकर 1 करोड़ कर दिया गया है। हम वादा नहीं, काम करके दिखाते हैं।”
बिहार का बढ़ता बजट और विकास की रफ्तार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की आर्थिक प्रगति पर बात करते हुए बताया कि बिहार का बजट अब तीन लाख करोड़ से अधिक हो चुका है। उन्होंने कहा कि, “2005-2006 में बिहार का बजट बहुत छोटा था। तब से लगातार हमने इसे बढ़ाया है। पहले एक लाख करोड़, फिर दो लाख और अब तीन लाख करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया गया है। यह बिहार के विकास और सरकार की नीयत का प्रमाण है।”
नीतीश कुमार ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “पहले वाले कुछ नहीं करते थे, लेकिन हमने हर क्षेत्र में काम किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और रोजगार—सबमें हमने ठोस बदलाव किए हैं।”
पंचायत भवनों और जीविका दीदियों को सौगात
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पंचायत भवनों में विवाह भवन निर्माण की भी बड़ी घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी पंचायत भवनों में विवाह भवन बनाए जाएंगे, जिस पर कुल 4,026 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
साथ ही उन्होंने जीविका दीदियों के लिए कई सौगातों की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका समूह की महिलाओं को मिलने वाले बैंक ऋण के ब्याज दर को 10% से घटाकर 7% कर दिया गया है। वहीं, जीविका कर्मियों को मिलने वाली राशि को दोगुना कर दिया गया है।
उन्होंने कहा—”हमारी सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। जीविका दीदियों ने गांव-गांव में आर्थिक क्रांति लाई है, उन्हें हर संभव सहयोग दिया जाएगा।”
दीदी की रसोई में सस्ता भोजन, गरीबों को राहत
मुख्यमंत्री ने गरीबों और जरूरतमंदों को राहत देते हुए दीदी की रसोई में खाने की कीमत घटाने का भी ऐलान किया। अब वहां भोजन 40 रुपये की जगह केवल 20 रुपये में मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भूखा न सोए।
हर घर में बिजली और बढ़ा हुआ मानदेय
नीतीश कुमार ने कहा कि 2018 में ही हर घर तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है, और अब सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली मुफ्त करने की व्यवस्था कर दी है। उन्होंने कहा—”अब किसी घर में अंधेरा नहीं रहेगा। हम चाहते हैं कि हर घर में उजाला और खुशहाली रहे।”
इसके अलावा उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी सेविकाओं, रसोइयों और पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की घोषणा की। वहीं, दिव्यांगजन, विधवाओं और वृद्धों की पेंशन राशि में वृद्धि का भी जिक्र किया।
जनता के लिए सरकार, हर तबके का ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने हर तबके का ख्याल रखा है — चाहे वह गरीब हो, किसान, मजदूर, महिला या छात्र। उन्होंने कहा—”हम सिर्फ वादा नहीं करते, बिहार के विकास के लिए दिन-रात काम करते हैं। 2020 में जो संकल्प लिया था, उसे हमने पूरा किया है और आगे उससे भी ज्यादा करेंगे।”
मुंगेर के जमालपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, और कई वरिष्ठ अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
अंतिम पंक्ति (समापन लाइन):
बिहार के युवाओं के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह ऐलान उम्मीद की नई किरण है। अब देखना यह होगा कि आने वाले पांच सालों में सरकार 1 करोड़ रोजगार के इस नए लक्ष्य को कितनी तेजी से पूरा कर पाती है।
