बिजली विभाग की ओर से स्मार्ट मीटर लगाने के बाद भी उपभोक्ताओं की परेशानियां कम होती नहीं दिख रही हैं। कटरा प्रखंड के मोहनपुर निवासी कामेश्वर साह को 36 लाख रुपये का बिल मिला है। इतनी अधिक राशि केवल जून महीने की है।
उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के पहले प्रतिमाह 15 से 20 यूनिट बिजली की खपत होती थी और समय से उसका भुगतान करते रहे हैं, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद जून में 36 लाख 92 हजार 731 रुपये का बिल आ गया है।

सरकारी अनुदान की राशि 23 हजार समायोजित करने के बाद भी 15 लाख 43 हजार 731 रुपये जमा करने का नोटिस दिया गया है। इसके कारण उपभोक्ता काफी परेशान है।
उन्होंने बिजली बिल पर आपत्ति जताते हुए मुख्य अभियंता से जांच कराकर सुधार कराने की गुहार लगाई है। इधर, विद्युत अधिकारी ने बताया कि जांच कर बिल में सुधार किया जाएगा।null
मुजफ्फरपुर जिले में विगत पांच वर्षों से स्थायी विच्छेदन की बाट जोह रहे लोगों को भारी राहत मिली है। विद्युत अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश के आदेश पर स्थायी विच्छेदन के लिए आवेदन देने वाले लोगों को एनओसी मिलने लगी है।
आवेदन के आधार पर स्थायी विच्छेदन को सिस्टम से बंद कर उनको एनओसी दी जा रही है। विद्युत अधीक्षण अभियंता के आदेश पर प्रत्येक डिवीजन के सहायक विद्युत अभियंता ने अपने अधीनस्थ जेई को इसकी जिम्मेदारी सौंपी।
एक अनुमान के तौर पर जिले में करीब 30 हजार से अधिक उपभोक्ता कोरोना काल यानी वर्ष 2020 से ही परेशान थे। स्थायी विच्छेदन नहीं होने से उन्हें बार-बार बिजली बिल मिल रहा था।
मामले में सभी सहायक विद्युत अभियंताओं ने कनीय विद्युत अभियंता को यह कार्य शीघ्र पूरा कर उपभोक्ताओं की सूची बनाने और उन्हें एनओसी देने को कहा है। केवल कल्याणी प्रशाखा में डिस्कनेक्शन के करीब पांच हजार आवेदन लंबित थे। सभी को धीरे-धीरे एनओसी मिलनी शुरू हो गई है।
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बिजली विभाग की ओर से स्मार्ट मीटर लगाने के बाद भी उपभोक्ताओं की परेशानियां कम होती नहीं दिख रही हैं। कटरा प्रखंड के मोहनपुर निवासी कामेश्वर साह को 36 लाख रुपये का बिल मिला है। इतनी अधिक राशि केवल जून महीने की है।
उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर लगने के पहले प्रतिमाह 15 से 20 यूनिट बिजली की खपत होती थी और समय से उसका भुगतान करते रहे हैं, लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद जून में 36 लाख 92 हजार 731 रुपये का बिल आ गया है।

सरकारी अनुदान की राशि 23 हजार समायोजित करने के बाद भी 15 लाख 43 हजार 731 रुपये जमा करने का नोटिस दिया गया है। इसके कारण उपभोक्ता काफी परेशान है।
उन्होंने बिजली बिल पर आपत्ति जताते हुए मुख्य अभियंता से जांच कराकर सुधार कराने की गुहार लगाई है। इधर, विद्युत अधिकारी ने बताया कि जांच कर बिल में सुधार किया जाएगा।null
मुजफ्फरपुर जिले में विगत पांच वर्षों से स्थायी विच्छेदन की बाट जोह रहे लोगों को भारी राहत मिली है। विद्युत अधीक्षण अभियंता पंकज राजेश के आदेश पर स्थायी विच्छेदन के लिए आवेदन देने वाले लोगों को एनओसी मिलने लगी है।
आवेदन के आधार पर स्थायी विच्छेदन को सिस्टम से बंद कर उनको एनओसी दी जा रही है। विद्युत अधीक्षण अभियंता के आदेश पर प्रत्येक डिवीजन के सहायक विद्युत अभियंता ने अपने अधीनस्थ जेई को इसकी जिम्मेदारी सौंपी।
एक अनुमान के तौर पर जिले में करीब 30 हजार से अधिक उपभोक्ता कोरोना काल यानी वर्ष 2020 से ही परेशान थे। स्थायी विच्छेदन नहीं होने से उन्हें बार-बार बिजली बिल मिल रहा था।
मामले में सभी सहायक विद्युत अभियंताओं ने कनीय विद्युत अभियंता को यह कार्य शीघ्र पूरा कर उपभोक्ताओं की सूची बनाने और उन्हें एनओसी देने को कहा है। केवल कल्याणी प्रशाखा में डिस्कनेक्शन के करीब पांच हजार आवेदन लंबित थे। सभी को धीरे-धीरे एनओसी मिलनी शुरू हो गई है।