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भागलपुर“बढ़ती आबादी के बीच बढ़ता कैंसर” आने वाले समय और नई पीढ़ी के लिए बड़ी चुनौती और गंभीर मसला बनकर उभर रही है बिहार की तकरीबन 13 करोड़ आबादी में लगभग 10 लाख लोग कई तरह के कैंसर से ग्रसित हैं। राष्ट्रीय स्तर के आंकड़े में देश के अंदर तकरीबन 1 करोड़ 50 लाख कैसर के मरीज हैं बात भागलपुर की करें तो प्रत्येक साल लगभग 1200 से ज्यादा कैंसर पीड़ित अपना इलाज़ के लिए मुम्बई, बेंगलुरु, कोलकाता और अन्य शहरों में जा रहे हैं। मुंबई और बेंगलुरु जाने वाली ट्रेन में ज्यादातर यात्री कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का इलाज़ कराने जाते हैं जैसा कि ट्रेवल एजेंट संजय डोकनियाँ बताते हैं

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भागलपुर के डॉक्टर डीएम नवल किशोर चौधरी भी मानते हैं कि कतिपय कारणों से कैंसर मरीजों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है भागलपुर में कैसर अस्पताल खुले, उस बाबत बिहार सरकार को अनुरोध पत्र भेजा गया है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ इमराना रहमान बिगड़ा खानपान, बेतुका आधुनिक जीवन शैली और प्लास्टिक युग में सांस लेने को बड़ा कारण बता रही हैं

शरीर के अंदर कमजोर हो रही इम्मयून पॉवर भी कैंसर को बढ़ावा दे रही है दूध, पानी, अनाज में माइक्रो प्लास्टिक के अंश, मिट्टी और पानी में आर्सेनिक और फ्लोराइड की मात्रा का बढ़ना भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर रही है। फिलहाल भागलपुर के डीएम साहब के द्वारा सरकार से मांग और पहल पर भागलपुर के चिकित्सक भी कह रहे हैं कि ऐसा एक डॉक्टर डीएम ही कर सकते हैं।
जो भी हो, मसला तो बाकए गंभीर है।

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